बहुत लंबे इंतजार के बाद नया युग आरंभ हुआ है
अब सुबह समय से होती है और प्रफुल्लित वातावरण में
वैसी ही हवा बहती है जैसी
अंधकार युग के विदा होने के बाद बहनी चाहिए
जिसके फलस्वरूप फूल खिलने लगे हैं
फसलें लहलहाने लगी हैं चिड़ियां गाने लगी हैं।
जिन्हें रास्ते से हटाना था हटा दिया गया है
जिन्हें रास्ते पर लाना था ला दिया गया है
सारे रास्तों की सारी बाधाएं दूर कर दी गई हैं
अब जाकर विकास ने पकड़ी है रफ्तार।
विकास इतना तेज चल रहा है कि लोग पीछे छूट जाते हैं
मगर उन्हें उनके हाल पर छोड़ नहीं दिया गया है
उन्हें विकास से जोड़ने के लिए कमेटियां
और योजनाएं बना दी गई हैं
और उन्हें बुलाकर या लाकर
जगह-जगह संबोधित भी किया जाता है।
विकास के रफ्तार पकड़ने के साथ ही
या उसके पहले से
आंकड़े एकदम दुरुस्त आने लगे हैं
अब आंकड़े जान लेने के बाद अलग से
सच्चाई जानने की जरूरत नहीं रहती।
जिसे वापस लाना था ला दिया गया है
जिसे भगाना था भगा दिया गया है
जिसे डराना था डरा दिया गया है
जिसे बचाना था बचा लिया गया है
कीमतों पर काबू पा लिया गया है
वे लोग काबू में हैं जिनकी कुछ कीमत है
जिसकी अभी -अभी कीमत लगी
उसकी खुशी देखते ही बनती है
बाकी यह सोचकर मुस्कराते हैं
कि मायूस दिखने से रही-सही कीमत भी जाती रहेगी।
इस तरह बने चतुर्दिक खुशनुमा माहौल में
नकारात्मक नजरिए के लिए गुंजाइश ही कहां बचती है
अब ना कहने के लिए बहुत हिम्मत जुटानी पड़ती है
सकारात्मक सोच का जोश इस कदर हावी है
कि घोषणा होती ही काम हुआ मान लिया जाता है
आश्वासन मात्र से होता है प्राप्ति का अहसास
वर्णन मात्र से छा जाता है संबंधित वस्तु के होने का विश्वास।
इस नवयुग की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ऊंची-ऊंची कुर्सियों पर पहली बार ऐसे लोग बिठाये गए हैं
जिनका कद पद के अनुरूप है जिनको काबिलियत पर
शक नहीं किया जा सकता जो भरोसे के काबिल हैं
जो अलिखित निर्देशों को भी पढ़-समझ लेते हैं
और उन पर अमल करने को तत्पर रहते हैं
जिन्हें स्वयं सोचने की इच्छा या अवकाश नहीं
इसलिए जिनसे गलतियां नहीं होतीं और जो अपराध-बोध से दूर
सदा प्रसन्न रहते हैं बड़े फख्र से कहते हैं
हमारी अमूल्य सेवाओं के लिए
एक ही पुरस्कार पर्याप्त है
कि हमें निजाम में असीम निष्ठा रखने का
परम सौभाग्य प्राप्त है।
- राजेन्द्र राजन
- सभार-‘गांव के लोग’ से
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