’मैं शेरों को पालतू बना लेता हूँ ।’ ’काला पानी’ की सजा पाए पोर्ट ब्लेयर की सेल्युलर जेल के स्वतंत्रता सेनानियों को वहाँ का बदनाम जेलर यही कहता था । सेल्युलर जेल बनने के पहले बागी वहाबियों को भी अंडमान द्वीप समूह के वाइपर टापू पर निर्वासित किया जाता था,फांसी चढ़ाई जाती थी । उत्तर पश्चिम सीमा प्रान्त से निर्वासित शेर अली ने वाईसरॉय मेयो की हत्या उनके अंडमान दौरे के दौरान की थी । भारत में किसी वाईसरॉय की हत्या की यह एकमात्र घटना थी। शेर अली को वाईपर द्वीप पर ही फांसी दे दी गई।
काला पानी की सजा पाए राजनैतिक बन्दियों के उत्पीड़न की कथायें दर्दनाक हैं । कई कैदियों ने तंग आत्महत्या की , कुछ विक्षिप्त हो गए,कुछ जेल की दमनकारी व्यवस्था के खिलाफ उपवास करते हुए या उपवास के दौरान जबरदस्ती खिलाने की कोशिश में मारे गये ।
चट्टग्राम सैनिक विद्रोह में भाग ले चुके दिनेश दासगुप्त की तस्वीर देखकर हमारा परिवार विशेष रोमांचित हुआ। समाजवादी आन्दोलन में उनसे बने नाते के कारण ऐसा होना स्वाभाविक था ।
समुद्री जहाज से इंग्लैण्ड से भारत लाए जा रहे सावरकर ने जहाज से फ्रांस में समुद्र में छलांग लगा दी थी।वे पकड़ लिए गए और उन्हें दो ’आजीवन कैद’ की सजा सुनाई गई जो पचास वर्ष की मानी जाती थी। काला पानी के पहले सावरकर स्वतंत्रता संग्राम में सभी सम्प्रदायों के योगदान और उनकी एकता के हिमायती थे। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (१८५७) पर लिखी गई उनकी पुस्तक इस बात का प्रमाण है । ४ जुलाई १९११ में सेल्युलर जेल में लाए जाने के बाद उन्होंने माफ़ी मांगते हुए कै अर्जियां दीं । धीरे-धीरे वे जेल अधिकारियों के चहते बन गये और उन्हें जेल में पहले मुंशी का काम फिर जेल के तेल डीपो के फोरमैन का काम सौंपा गया। काला पानी से रिहा होने के बाद उन पर कहने को रत्नागिरी न छोड़ने और ’राजनैतिक’ गतिविधियों पर रोक रहे परंतु पालतू बन चुके शेर को हिन्दू महासभा का संगठन करने की छूट रही।रिहाई के बाद उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ किसी आन्दोलन को न चलाया और न ही भाग लिया। अधिकांश लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि १९६६ में उनकी मृत्यु हुई । २७ फरवरी , १९४८ को सरदार पटेल ने गांधी की हत्या की बाबत नेहरू को लिखे अपने पत्र में लिखा , ’यह हिन्दू महासभा के सावरकर के नेतृत्व में चलने वाले मतान्ध खेमे द्वारा गढ़ी गई साजिश और उसके क्रियान्वयन का परिणाम थी ’।
पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डे का नाम,सेल्युलर जेल के सामने बने शहीद-उद्यान में उनकी मूर्ती (उद्यान का विडियो देखें )और संसद की दीर्घा में उनका तैल चित्र लगा कर भाजपा सरकार ने सावरकर की गद्दारी के प्रति जनता की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश की।
इस पालतू शेर के बारे में प्राध्यापक शम्सुल इस्लाम ने एक प्रामाणिक -तथ्यपूर्ण किताब लिखी है । इसे जरूर पढ़ना चाहिए ।
http://www.facebook.com/media/set/?set=a.10150306904468646.373328.684443645&l=1ab8dee745
जय हो।
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हॉट मॉडल केली ब्रुक…
लूट कर ले जाएगी मेरे पसीने का मज़ा।
aflatoon ji, Andaman ki aapki yeh report sankshipt bhale ho per suljhe soch aur tippani se bhari hai. shubhkamnayen !
history of indian idependence is full of many … …….s. The real heores have been forgotten the martiers have been defamed not only that the official pets of Brtish raj have been given important positions after independence. Why to talk abut Savarkar only? You see the names of indian universiites, colleges, roads, parks , institutes and everything you will find only a few names which apear everywhere. Are they the only people to figth for the nation? Is the nation a jaageer of those? Are there derth of personalities who should be remembered with a pride? who scrificed their lives , faught for freedom selflessly fought for the common?
We Indians either donot talk about these or becme hardliner about a particular school of thought. The new generation is becoming more and more ignorent about our histroy, culture, and even the present condition of our society and are only looking forward to make money whether this way or that way
आपणे जो बात कही है वो बिलकूल गलत है , सावरकर एक महान सेनानी थे । उनके बारेमे आपके ये घटिया विचार सुनके मुझे बडा दुख हुवा । आपको भगवान कभी क्षमा नही करेगा ॥
धनंजय ,
यह कटु ऐतिहासिक तथ्य है , मेरे विचार नहीं हैं । इसलिए ईश्वर द्वारा क्षमा करने का मामला ही नहीं है। आपको हुए दुख के प्रति सहानुभूति है।
Aap kiske paaltu kutte ho ye samaz me aagaya. dhanyavad.
आप यह जानकारी देके एक देशभक्त के प्रति आपत्तिजनक विधान करते है। आपको इस देश मे रहने का कोई अधिकार नही है ।
bahut achha laga ye dekheke.