सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे जन लोकपाल विधेयक के समर्थन में आज से अनशन करेंगे । देश भर में ,कई शहरों-कस्बों में आज उनके समर्थन में दिन भर का प्रतीक अनशन होगा । मेरे शहर बनारस के भ्रष्टतम लोगों की जमात ’जागो बनारस’ के नाम पर लामबन्द है । स्कू्ली पढ़ाई के धन्धे से जुड़ा शहर का सबसे बदनाम व्यक्ति इस पहल का प्रमुख है । दीपक मधोक नगर पालिका में नौकरी करता था और साथ में ठेकेदारी।ठेकेदारी ज्यादा चलने लगी तो नौकरी छोड़ दी । पैसेवालों के लिए स्कूलों का जाल बिछा दिया । स्वाभाविक है कई जगह ऐतिहासिक महत्व के भूखण्डों पर कब्जा करके भी इनके स्कूल बने हैं । क्या दो तरह की तालीम भी रहेगी और देश भ्रष्टाचार विहीन हो जाएगा?
इसी प्रकार निजी अस्पतालों में गरीबों की मुफ़्त चिकित्सा के नाम पर बड़ा घोटाला इस शहर में हाल ही में हुआ था। गरीबी की रेखा के नीचे वाले मरीजों की चिकित्सा के लिए सरकार से जो आर्थिक मदद मिलती है उसे बिना किसी को भर्ती किए डकार जाने वाले डॉक्टरों के निजी अस्पताल! इनके समर्थन में तथा सरकार से नॉन प्रैक्टिसिंग एलाउन्स पाने के बावजूद निजी प्रक्टिस करने वाले डॉक्टरों के हक में बोलने वाले इंडियन मेडिकल एसोशियेशन की इकाई भी जुट गई है। क्या आई.एम.ए ने इन अस्पतालों और चिकित्सकों के खिलाफ़ कोई प्रस्ताव पास किया है? क्या समाज के ये महत्वपूर्ण तबके भ्रष्टाचार किए बिना ऐसे अभियान में शामिल हो रहे हैं ?
अधिकांश स्वयंसेवी संस्थाये अपने कर्मचारियों को चेक से वेतन नहीं देतीं। कागज पर ज्यादा राशि होती है और अन्तर संस्था-संचालक की कमाई । ऐसी कुछ संस्थायें भी इस अभियान में शरीक हैं ।
तमाम कमियों के बावजूद संसदीय लोकतंत्र सर्वाधिक योग्य प्रणाली है। इसमें सुधार की गुंजाइश है लेकिन जिस भी रूप में यह लोकतंत्र है उसका संचालन राजनीति और दलीय राजनीति द्वारा ही होता है। जनता के मन में स्वच्छ-सकरात्मक राजनीति के प्रति अनास्था पैदा करना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है ।
मुझे भी शुरू से दाल में कुछ काला लग रहा है. खैर हमारी कोशिश होनी चाहिए के भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत कानून बने.
बड़े-बड़े गढ़े. ये इनका वो किनका के इस्तेमाल के बीच ही शायद नई पहलकदमियां अपना रास्ता निकालें. और तो कोई सूरत दिखती नहीं.
स्वयंसेवी संस्थाये अपने कर्मचारियों को चेक से वेतन नहीं देतीं। कागज पर ज्यादा राशि होती है और अन्तर संस्था-संचालक की कमाई । ऐसी संस्थायें इस अभियान में शरीक हैं ।nice
मुझे तो सफेद गांधी टोपी देख कर ही परेशानी होने लगती है।
bhastacharriyo ka makadrrdal torna hoga kyoki saphedposh apradhi banaras me bahut hai savdhan rahney ka aisey logo sabhasthal sebhaga dena chahiye.