जिया रजा बनारस
अक्टूबर 6, 2008 अफ़लातून अफलू द्वारा
Benaras, journalism, sushil tripathi में प्रकाशित किया गया | टैग की गईं chamchagiri, fraud, sandip, sushil | 6 टिप्पणियां
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khabar Hindustaan me padhi thi. Sushil Tripathi ji ko naman.
इ हौ सन लाइट साबुन से धोवाई। अरे…उ तोहरले बरजले के बाद पोस्टवा हटा देले रहल अफलू भाई।
ईहां कौनो निरमा-सनलाइट से न फरियाई । ऊंहा से हटल एही से दे देली – ताकि सनद रहे , वक्त पर काम दे !
sandeep ke murkhta se pata chalta hai ki wo bikaww patrakar hai jo agar susil ji ka na ho saka to kiska hoga sandeep ji ko sadbudhi de or bhagwan use utha le
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