Archive for अक्टूबर 22nd, 2007
संरक्षित: खैरात कब बँटती है ?
Posted in health on अक्टूबर 22, 2007|
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- गणेश शंकर विद्यार्थी / लज्जाशंकर हरदेनिया मार्च 25, 2022कौन भूल सकता है कानपुर के उस भीषण नर-संहारकारी हिन्दू मुस्लिम दंगे को? बीसीयों मंदिर और मस्जिदें तोड़ी और जलाई गईं, हजारों मकान और दुकानें लुटीं और भस्मीभूत हुईं। लगभग 75 लाख की सम्पत्ति स्वाहा हो गई, करीब 500 से भी ऊपर आदमी मरे और हजारों घायल हुए। कितनी माताओं के लाल, काल के गाल […] […]
- अहिल्याबाई और रंजीत सिंह के विलोम दिसम्बर 13, 2021ज्ञानवापी एक बौद्ध विहार था।वापी यानी कुंड या तालाब ।चौक की तरफ से ज्ञानवापी आने पर वापी तक पहुंचने की सीढ़ियां थीं,जैसे कुंड में होती हैं।तथागत बुद्ध के बाद जब आदि शंकराचार्य हुए तब यह बुद्ध विहार न रहा,आदि विशेश्वर मंदिर हुआ।आदि विशेश्वर मंदिर के स्थान पर बनारस की जुमा मस्जिद है।महारानी अहिल्याबाई ने काशी […] […]
- सावरकर,नेताजी, सरदार,प्यारेलाल और बेचारे राजनाथ अक्टूबर 14, 2021राजनाथ सिंह संसद में बोल चुके हैं कि गांधीजी ने संघ की प्रशंसा की थी।संघ के जिस कार्यक्रम का राजनाथ सिंह ने दिया था उसका तफसील से ब्यौरा गांधीजी के सचिव प्यारेलाल ने ‘पूर्णाहुति’ में दिया है।पूर्णाहुति के प्रकाशन और प्यारेलाल की मृत्यु के बीच दशकों का अंतराल था।इस अंतराल में संघियों की तरफ से […] […]
- किसान / महात्मा गांधी / रचनात्मक कार्यक्रम अक्टूबर 6, 2021इस रचनात्मक कार्यक्रम में सभी बातों का समावेश नहीं हुआ है।स्वराज की इमारत एक जबरदस्त चीज है,जिसे बनाने में अस्सी करोड़ हाथों को काम करना है।इन बनाने वालों में किसानों की यानी खेती करनेवालों की तादाद सबसे बड़ी है।सच तो यह है कि स्वराज की इमारत बनाने वालों में ज्यादातर ( करीब 80 फीसदी) वही […] […]
- अतहि सुन्दर पालना जून 20, 2021https://archive.org/embed/AtahiSundarPalna
- गणेश शंकर विद्यार्थी / लज्जाशंकर हरदेनिया मार्च 25, 2022
शैशव
- बाल साहित्य जुलाई 12, 2022Dear Aflatoon Bhai, With the help of many friends we were able to translate over 40 Children’s books translated in Hindi in the month of June 2022.I hope you like them. It will be kind if you can share them with those who … पढना जारी रखे →
- किस्सा नेपाली बाबा अगस्त 25, 2017ओडीशा के अनुगुल शहर के पास रंतलेई नामक एक गांव है। 1952 के आसपास वहां एक 14-15 वर्ष के किशोर को बाबा बना दिया गया। उसे स्थानीय मारवाड़ियों और व्यापारियों का सरंक्षण मिला हुआ था।हर तरह के रोग तथा विकलांगता … पढना जारी रखे → […]
- गाय जून 30, 2017इस कविता से हर उर्दू सिखने वाले ने ऊर्दू का पाठ पढना शुरू किया है। इसे इस्माइल मेरठी ने 1858 मे लिखा था …अगर मेरे किसी भाई के पास इससे अच्छी कविता हो तो जरूर बताये। गाय से बेइंतहा प्यार … पढना जारी रखे → […]
- चलो दिल्ली ! – श्यामनारायण पाण्डेय जनवरी 23, 2016आज नेताजी की जन्म तिथि है। उन्होंने रंगून से ‘चलो दिल्ली’ का जब आवाहन किया था तब श्यामनारायण पांडे ने कविता लिखी थी। अंग्रेजों ने इसे प्रतिबंधित कर दिया था। मैंने ’74 के आसपास याद की थी।एक लाइन भूला हूँ,किसी … पढना जारी रखे → […]
- सरकारी पदाधिकारियों से निवेदन किया अपने बच्चे सरकारी स्कूलों में पढाएं, इलाज सरकारी अस्पतालों में कराएँ जनवरी 28, 2014इटारसी, 27 जनवरी 2014. होशंगाबाद जिले के नागरिकों ने एक अनूठी मांग करते हुए आज इटारसी में एक नया अभियान शुरू किया. उन्होंने एक जुलुस निकाला, तहसील दफ्तर गए और सरकार में बैठे तमाम पदाधिकारियों को संबोधित एक निवेदन सौंपा. … पढना जारी रखे → […]
- बाल साहित्य जुलाई 12, 2022
सुरे-बेसुरे गीतों का ब्लॉग
- दीवाली पर सप्रेम उपहार , दुर्लभ गीतों का अगस्त 28, 2020दिनेशरायजी की तरह दीवाली के अवसर पर मेरी बिटिया प्योली भी घर आई है । उसने दो तीन गीतों की फरमाईश कर दी जो मेरे जमाने के हैं और उसने बचपन में सुने हैं । बहुत मुश्किल हो गयी खोजने में । लेकिन मेहनत का फल मिला किसी न किसी रूप में । उम्मीद है आप सब इनका पूरा रस लेंगे । जिन्दगी को संवारना होगाआई ऋतु सावन कीचाँद अकेला जाए सखी रीनई री लगन और मीठी बतियां […]
- अच्छा गाना सुनो जून 10, 2020https://youtu.be/J4OIrZ7PvFsबांसुरी बजा रहा बच्चा फिल्म में मूक था।गाना पहली बार जब सुना था तब मैं उसकी उम्र का था।मेरे स्कूल में 'दूर गगन की छांव में' जब दिखाई गई थी। विविध भारती पर यह गाना बज रहा था,अभी उस दिन।मृत्यु से कुछ दिन पहले।हमेशा टिक टॉक पर सुनने वाली शशिकला को टोक कर स्वाति ने कहा,'ये अच्छा गाना सुनो।'कहीं बैर न हो,कोई गैर न ह […]
- कुन्दनलाल सहगल के मेरे प्रिय दस गीत अप्रैल 11, 2013मेरे प्रिय दस गीत इस लिस्ट में हैं।पिताजी अपने लिए एक लॉन्ग प्लेयिंग रेकॉर्ड लाये थे।तब ही चस्का लगा।फिर जीजाजी के पास उससे व्यापक संग्रह था। […]
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ और अनिल विश्वास फ़रवरी 13, 2013'विविध भारती के संगीत- सरिता कार्यक्रम में अनिल विश्वास से हुई तुशार भाटिया की बात-चीत का पुनर्प्रसारण हो रहा है। आज जो बात हुई वह मुख्यतः फैज अहमद फैज पर थी। आज फैज साहब का जन्म दिन भी है। मैं सुन पाया,गदगद हूं। याहू के एक 'समूह'(विविध भारती) में पूरी बातचीत रोमन लिपि में दर्ज है। AB: Anil Biswas MK: Meena Kapoor TB: Tushar Bhatia TB: shrotaa […]
- मौत से पहले आदमी ग़म से नजात पाए क्यूं ? ग़ालिब / बेग़म अख़्तर फ़रवरी 2, 2013
- दीवाली पर सप्रेम उपहार , दुर्लभ गीतों का अगस्त 28, 2020
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